Advertisment

चंदू चैंपियन को स्पेशल स्क्रीनिंग में आर्मी चीफ से मिला स्टैंडिंगओवेशन

कार्तिक आर्यन की आनेवाली फिल्म 'चंदू चैंपियन' के चर्चे हर जगह हो रहे हैं. फिल्म के ट्रेलर में कार्तिक का डेडिकेशन और बेहतरीन एक्टिंग की एक झलक लोगों को देखने के लिए मिली. कबीर खान द्वारा निर्देशित ये...

New Update
Chandu Champion got a standing ovation from the Army Chief at the special screening
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

कार्तिक आर्यन की आनेवाली फिल्म 'चंदू चैंपियन' के चर्चे हर जगह हो रहे हैं. फिल्म के ट्रेलर में कार्तिक का डेडिकेशन और बेहतरीन एक्टिंग की एक झलक लोगों को देखने के लिए मिली. कबीर खान द्वारा निर्देशित ये फिल्म भारत के पहले पैरालिंपिक स्वर्ण पदक विजेता मुरलीकांत पेटकर के जीवन पर आधारित है. फिल्म में कार्तिक मुरलीकांत पेटकर का किरदार निभा रहे हैं. बता दें फिल्म 14 जून को सिनेमाघरों में रिलीज़ होनेवाली है.

फिल्म के चर्चे फिल्म की पहली पोस्टर रिलीज़ से हीं हो रहे हैं. ट्रेलर रिलीज़ के बाद कार्तिक की परफॉरमेंस देख ऑडियंस भी उनसे इम्प्रेस है और फिल्म के आने का इन्तेज़ार कर रही है. फिल्म का प्रमोशन जोरोशोरों से चल रहा है. हाल हीं में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरन कार्तिक ने फिल्म के बारे में बात की. आइये आपको बताते हैं फिल्म के बारे में क्या कहते हैं कार्तिक.

चंदू चैंपियन में आपका जो किरदार है उसमें आपकी काफी फिजिकल और मेंटल स्ट्रेंथ लगी है, तो फिल्म की शूटिंग खत्म होने के बाद आपके लिए इस किरदार से बाहर आना कितना डिफिकल्ट था?

इस किरदार की बहुत सारी ऐसी चीजें हैं जो आज भी मेरे साथ हैं और मै इस किरदार से बाहर आना हीं नहीं चाहता हूँ. मै इस किरदार के दौरन जो भी फिजिकल या मेंटल स्पेस में रहा हूँ उसने मुझे बहुत पॉजिटिविटी दी है. मुझे लगता है मै इस किरदार को जाने भी नहीं देना चाहता हूँ. इस किरदार के लिए मैंने दो साल जो लाइफस्टाइल अपनाया था वही लाइफस्टाइल मै आगे भी अपना कर रखना चाहूँगा. मेरा जो नेवर गिव-अप की मेंटालिटी पहले थी इस फिल्म ने मुझे उसको आगे फॉलो करने का वैलीडेशन दिया है. जब मुझे इस फिल्म की कहानी पता चली थी तब इससे बहुत ज्यादा प्रेरित हुआ था, ‘मैन हु रिफ्यूज टू सरेंडरकी मेंटालिटी के साथ आगे बढ़ना चाहता हूँ. और मै इस किरदार से बाहर आना हीं नहीं चाहता हूँ.

उय

आप मुरलीकान्त पेटकर जी से मिले हैं, आपको उनसे क्या सीखने को मिला?

मै उनसे स्विमिंग की पोर्शन की शूटिंग के दौरन मिला था. उनसे मिलना मेरे लिए बहुत प्रेरणादायक था. उनके पास एक जैकेट है जिसमें उनके द्वारा अलग अलग फील्ड में जीते गए सभी मेडल्स हैं और वो सब कुछ देख कर मै उनसे बहुत ज्यादा प्रेरित था. उनकी कहानी में इतनी सारी चीजे हैं कि उसको एक फिल्म में लाना बहुत मुश्किल था. अगर वो उनके जीवन की सारी चीजें फिल्म में लाते तो मुझे भी और भी बहुत सारी चीजें सीखनी पड़ती. भगवान का शुक्र है कि अभी मुझे सिर्फ तीन से चार सपोर्ट हीं सीखने पड़े. जब उन्होंने मुझे स्विमिंग करते हुए देखा उन्होंने मुझसे कहा कि मेरी स्विमिंग उनके जैसी हैं, और मै उनके इस कॉम्प्लीमेंट से बहुत खुश हुआ. उनके इस कॉम्प्लीमेंट से मुझे ऐसा लगा कि मेरी दो साल की पूरी मेहनत रंग लायी.

जब भी कोई बायोपिक बनती है उसमें राइटर्स का बहुत बड़ा रोल होता है लेकिन उनको वो नाम नहीं मिल पाता है, इसके बारे में आप क्या कहना चाहेंगे?

मै हमेशा से यही कोशिश करता हूँ कि मै जो भी फिल्म कर रहा हूँ उसकी राइटिंग सही होनी चाहिए. क्योंकि वो सबसे पहला पिलर होता है किसी भी फिल्म के लिए. हमारी यही कोशिश होती है कि राइटर्स को वो नाम मिले जो वो डिजर्व करते हैं और हम कभी कभी अपने राइटर्स का नाम लेने से शर्माते नहीं हैं. जिस तरह से सुमीत और कबीर सर ने मिलकर इस फिल्म को बनाया है वो बहुत हीं खुबसूरत है. मुझे लगता है सभी को क्रेडिट्स मिलना चाहिए.

ई

क्या ऐसी कोई एक चीज है जिसकी वजह से आपने इस रोल के लिए हाँ कहा?

मुझे लगता है इसकी जो कहानी है उसने मुझे बहुत प्रेरित किया है. मै ये सोचकर थोड़ा दुखी भी हुआ था कि इतनी बड़ी कहानी एक इन्सान की सेलिब्रेट नहीं हुई आजतक. मै इस बात को लेकर स्योर था की ये कहानी सभी तक पहुंचनी चाहिए. मुझे लगता है शायद यही कारण है कि मैंने इस फिल्म को करने के लिए हाँ कहा.

इसमें मराठी एक्टर्स भी हैं और खुद मुरलीकान्त महाराष्ट्र से थे. उनके साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?

मै पूरी कास्ट को धन्यवाद बोलूँगा. जिस तरीके से कबीर सर ने हम सभी को इस फिल्म में कास्ट किया था वो बहुत हीं यूनिक था. कास्ट में ज्यादातर लोग ऐसे थे जिनके साथ मै पहली बार काम कर रहा था. फिल्म बेहद खूबसूरती से लिखा गया है और कास्ट द्वारा बेहतरीन अंदाज़ में परफॉर्म किया गया है. मै पूरी कास्ट का धन्यवाद करना चाहता हूँ क्योंकि उनके अच्छे काम की वजह से हीं मेरा काम और निखर कर आता है. पूरी फिल्म हिंदी में है लेकिन इसको मराठी एसेंस देने के लिए इसके डायलॉग को मराठी और हिंदी मिक्स करके लिखा गया था. इन्हीं सब चीजों ने मेरी मदद की है एक ऐसा किरदार बनाने में जो मैंने पहले कभी प्ले नहीं किया.

ई

एक फिल्म में म्यूजिक का बहुत बड़ा रोल होता है, तो आपको इस फिल्म में प्रीतम दा के कम्पोजीशन कैसा लग रहा है?

इस फिल्म का पूरा एल्बम हीं बहुत बढ़िया है. अभी हाल हीं में ‘सरफिरा’ गाना लॉन्च हुआ है, उसकी मेलोडी और वो पूरा गाना मुझे बहुत ज्यादा पसंद है. फिल्म में जब ये गाना लोगों को देखने को मिलेगा वो उन्हें बहुत प्रेरित करेगा. इसके अलावा ‘तू है चैंपियन’ तो एंथम बन चूका है. आजकल बहुत कम हीं ऐसे गाने आते हैं जो हर सिचुएशन में फिट बैठ जाएँ. अभी आप कोई एप्प खोलो या कहीं पर भी जाओ, ‘तू है चैंपियन’ आपको कहीं ना कहीं दिख जायेगा. प्रीतम दा इसको एंथम सॉंग बना दिया है. एक गाना हमारे फिल्म के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है. प्रीतम दा की यही क्वालिटी है कि वो एक हीं एल्बम में बहुत बहुत अलग तरह के गाने बनाते हैं. अभी सारे गाने रिलीज़ भी नहीं हुए हैं.

ऐसे कई सारे बायोपिक हैं जिसने बॉक्स-ऑफिस पर अच्छा नहीं किया है. चंदू चैंपियन बाकी से कितना अलग है और क्या आपको बॉक्स-ऑफिस का प्रेशर है?

मुझे लगता है बायोपिक या जौनर की बात नहीं है, ये फिल्मों की बात होती है. ये सिर्फ एक स्पोर्ट्स बायोपिक नहीं है ये एक जर्नी है किसी इन्सान की. इस फिल्म की यूनिकनेस यही है कि स्पोर्ट्स इस कहानी का एक बैकड्राप है. ये एक ऐसे इन्सान की कहानी है जिसके जीवन में स्पोर्ट्स भी एक हिस्सा है. मैंने इस तरह की बायोपिक ना हीं देखी है और ना ऐसी किसी बायोपिक के बारे में सुना है. मुझे लगता है इस कहानी से सभी लोग रिलेट कर पाएंगे.

ई

क्या कभी इस फिल्म की शूटिंग करने के दौरन आपको इमोशनल ब्रेकडाउन का सामना करना पड़ा?

एक से दो सीन में ऐसा हुआ था कि मेरा इमोशनल ब्रेकडाउन हुआ था बहुत ज्यादा क्योंकि मै उन सीन्स से बहुत रिलेट कर पा रहा था. इनकी कहानी में ऐसे ऐसे मोड़ हैं और जब मै उनको परफॉर्म कर रहा था तो उसने मेरे दिल को छु लिया था और चूंकि मै इस किरदार को ढाई साल से जी रहा था तो इन सीन्स को परफॉर्म करते समय मेरा इमोशनल ब्रेकडाउन हुआ था. ट्रेलर के अंत में जो एक डायलॉग है कि “मै हर उस चंदू के लिए लड़ना चाहता हूँ जो चैंपियन बन सकता है.” ये एक ऐसा सीन था जहाँ मेरा इमोशनल ब्रेकडाउन हुआ था.

एक बायोपिक और एक फिक्शनल कहानी के किरदार होने में क्या अंतर है?

मै किसी रियल इन्सान का किरदार पहली बार निभा रहा था. मुझे नहीं पता था कि इसकी तैयारी कैसे करते हैं. मेरे पास इस किरदार को करने में एक और मुश्किल थी वो ये कि मेरे पास कोई रेफेरेंस पॉइंट नहीं था. उनके बारे में सर्च करने पर ज्यादा इमेज या विडियो नहीं आते हैं जिसको मै फॉलो करके इस किरदार के लिए तैयारी कर सकूं. कबीर सर ने ये फैसला लिया था कि मै शूटिंग से पहले मुरली सर से नहीं मिलूँगा, वो खुद उनसे मिलने जाते थे और जो भी वो नोट्स लेकर आते थे हम उसी के बेसिस पर मेरे किरदार की तैयारी कर रहे थे. मेरे लिए एक और मुश्किल ये थी कि एक पर्टिकुलर तरीके की इमेज ऑडियंस के दिमाग में मुझे लेकर बैठी हुई तो उसका तोड़ना भी मुश्किल है. भगवान की कृपा से अभी जितने भी रिएक्शन आ रहे है उससे ये पता चलता है कि सबकुछ सही चल रहा है.

त्यं

फिल्म की स्क्रीनिंग पर आपके परफॉरमेंस को स्टैंडिंग ओवेशन मिला है. इसके बारे में क्या कहना चाहेंगे?

मेरे लिए वो बहुत इमोशनल मोमेंट था. फिल्म की स्क्रीनिंग की गयी थी जिसमें पहली बार मुरली सर ने फिल्म देखी और उनके साथ आर्मी चीफ और वाईस आर्मी चीफ भी थे. हम सभी के लिए वो एक इमोशनल मोमेंट था. एक इंडियन आर्मी सोल्जर पर आधारित एक फिल्म को आर्मी चीफ, वाईस आर्मी चीफ और आर्मी पर्सनल सभी उस फिल्म को देख रहे हैं. ये हम सभी के लिए एक इमोशनल मोमेंट था और फिल्म को स्टैंडिंग ओवेशन भी मिला. हम सभी की आँखे भर आई थी. बहुत मेहनत से बनाई है फिल्म, दो से ढाई साल की मेहनत है सभी की. ये स्टैंडिंग ओवेशन हमारे लिए बहुत मायने रखता है. मै पूरी आर्मी, आर्मी चीफ, और वाईस आर्मी चीफ का शुक्रगुज़ार हूँ.  

Kartik Aaryan First Interview Chandu Champion

Read More

'लगान' की रिलीज़ को 23 साल हुए पूरे,जाने क्यों देखनी चाहिए फिल्म

कल्कि 2898 ईस्वी से दिलजीत और प्रभास का पहला सॉन्ग प्रोमो होगा ख़ास

माधुरी दीक्षित के साथ श्रीराम नेने ने अपनी शादी को बताया चुनौती?

फिल्म ग़दर की शूटिंग के दौरान सनी देओल और अमीषा के साथ हुआ था हादसा?

Advertisment
Latest Stories